अन्य कारण
- हायेटस हार्निया
- अन्न नली की संकु धन प्रणाली में खराबी
- पेट खाली होने मे देर होने की वजह से उपरी हिस्से में दबाव बनना ।
- तीखा तला हुआ और खट्टा खाना
- ध्रुम्रपान और शराब का सेवना
- दवाई व@Àल्शियम चेनल ब्लोकर्स धीयोफाइलीन इ.
- मोटापा
- तनाव
रोग निदान
जी.ई.आर.डी. (GERD) का निदान रोग के लक्षण और दवाई से जलन में होने वाले फायदे से किया जाता है ।
औपचारिक उपचार
जी.ई.आर.डी. (GERD) का उपचार करते समय नीचे दिए गए तथ्यों का ध्यान रखना चाहिए ।
१. पेट की अतर्वस्तु को उलटे बहने से रोकना
२. रोग के लक्षणो को कम करना
३. अन्न नलिका में होनेवाली हानि को रोकना
सामन्य रुप से उपयोग मे लिए जानी वाली औपचारिक उपचार की दवाईया
१. एन्टाएसीड
२. एच टू ब्लार्क्स (H2-blockers)
३. प्रोटान पम्प इन्टीबाइटरर्स (Proton pump Intibitors) (PPI)
४. प्रोमोटीलिटी एजेट्स (Promotility agents)
बहूत कम लोगो का इलाज शल्य क्रिया जाता है ।
GERD के उपचार करने के लिए Fundoplication नामक शल्य क्रिया की जाति है ।
होमियोपेथिक उपचार
जी.ई.आर.डी. (GERD) के लक्षणो को उभारने वाले कारण ज्यादातर कार्यात्मक असामान्यता और मानसिक तनाव होते है और इन कारणो का जड़ से इलाज होमियोपेथी से ठीक हो सकता है । होमियोपेथी एक मरीज का उपचार करते समय बीमारी के लक्षणो के साथ साथ, उसके व्यक्तित्व को समझने को प्रमुखता देता है ।
होमियोपेथी मे हर जी.ई.आर.डी. (GERD) के मरीज का उपचार एक दवाई के साथ नही किया जाता है । होमियोपेथी के मूल्यो के अनुसार हर मरीज को पुर्णरुप से समझा जाता है उसकी मानसिक प्रवृतियाँ उसके परिवार के लोगो मे होनेवालि बिमारियो का विवरण उसे खाने मे क्या अच्छा लगता है इत्यादी लक्षणो को जाचा जाता है । इन सभी लक्षणो का मुल्यांकन करने के बाद उस मरीज को होमियोपेथीक दवाई दी जाती है ।
यह व्यक्तिगत होमियोपेथी दवाई इस मरीज का जड़ से इलाज करता है । यह सही उपाय है । इस दवाई से रोग के लक्षणो की तीव्रता तो कम होती ही है पर उसके साथ साथ रोग के लक्षणो की पुनरावृत्ति को भी रोक्ता है ।